Tuesday, August 21, 2018

हिन्द केशरी नेत्रपाल मेरे आदर्श -अरूण दूबे

अरूण दूबे मेरे प्रिय मित्रो मे से एक है। खेल के लिये इनका बडा योगदान रहा है। अरूण जी का जन्म हरियाणा के फरीदाबाद मे सन- 1988 मे हुआ था अरूण जी के पिता का नाम अशोक कुमार व माता का नाम नीलम देवी है। अरूण दूबे जी ने कक्षा 12 की शिक्षा प्राप्त की है। हरियाणा के फरीदाबाद मे ही हिन्द केशरी नेत्रपाल पहलवान जी भी रहा करते है। अरूण दुबे बहुत दिनो पहले एक बार हिन्द केशरी नेत्रपाल के सर्म्पक मे आये और नेत्र पाल की बातो का अरूण दुबे पर विशेष प्रभाव पडा , ऐसा प्राभाव पडा की अरूण दुबे पहलवान नेत्रपाल के पास जब भी समय लगता जाने लगे नेत्र पाल जी अरूण दुबे को अपनी कुस्ती की कहानी व किस्से सुनाया करते कही दंगल से नेत्र पाल पहलवान जी का बुलावा आता तो अरूण दुबे भी नेत्रपाल के साथ कुस्ती देखने जाने लगे । अब तो नेत्र पाल अरूण दुबे के आदर्श कहो या गुरू बस नेत्रपाल बन चुके थे । अरूण दुबे ने सुरूवात मे पत्रकारीता की और उसके बाद मे एक अच्छा सा कैमरा खरीदा और दंगलो की विडियोग्राफी करनी सुरू करदी 2016 की जनवारी से अरूण दुबे ने कैमरे के रूप मे कुस्ती की सेवा के लिये अपने हथियार उठा लिये और फिर कभी पीछे मुडकर नही देखा अरूण दुबे को लग्न और जनून इतना था कि 2016 से 2018 तक ही एक हजार से ज्यादा राष्ट्रीय लेविल के दंगलो को अपने कैमरे मे रिकोर्ड कर डाला अपने छोटे से कैरियर के दौरान ही दूबे जी ने कई खिलाडियो को फर्स से आसमान तक उडान भरते देखा अरूण दुबे के होसले के आगे हरियाणा ,दिल्ली राजिस्थान , महाराष्ट्र , पंजाब , उत्तर प्रदेश जैसे राज्य छोटे पडने लगे दुबे का कद दिन प्रतिदिन बढने लगा दूर दूर से बुलावे आने सुरू हो गये --------थोडी दुसरे राज्यो मे भाषा की समस्या जरूर आई लेकिन प्यार बेहिसाब मिला अरूण दुबे का मानना हे कि मेरे आदर्श हिन्द केशरी नेत्रपाल पहलवान जी ही है। यदि नेत्र पाल जी ना होते तो ये दुबे इस क्षेत्र मे कभी ना आता अरूण दुबे की मेहनत ने अरूण दूबे के कद को साबित कर के दिखाया बिना रूके बिना थके दूबे अपनी मेहनत को अन्जाम देते रहे अरूण दुबे जी एक ऐसे इन्सान है। जिन्होने कोई स्टार पहलवान हो या कोई गॉव का सामान्य पहलवान बराबर का दर्जा देने मे दुबे कभी पीछे ना हटे अरूण दुबे का कहना हैं कि स्टार के पीछे तो दुनिया भागती है। मैने तो साधारण पहलवानो को भी स्टार के दर्जे से कवर किया है। क्योकि आज का साधारण ही कल को असाधरण बनकर सामने आता है। अरूण दुबे अपने कैमरे से पुरुष व महिला पहलवानो की कुस्तीयो को कवर करने के साथ साथ कई तरह से शानदार फोटो ग्राफी करने के लिये मसहूर है। फरीदाबाद मे अरूण दुबे की एक अपनी पहचान और नाम हें लेकिन दूबे कहते है की प्यार से प्यार मिलता है। मै प्यार बाटता जाता हू लोग मुझे और ज्यादा प्यार देते जाते है। बचपन के दिनो को याद कर दुबे जी कहते है कि कई बार मै जब पढाई के दिनो मे दंगल देखने जाता था तो जी करता था की मै भी पहलवान बनू ( ये अन्दर की बात है पहलीबार जबान पर आई ) लेकिन सायद समय निकल चुका था और परिस्थितिया अनुकूल भी नही थी इसलिये मैने दूसरा रास्ता चुन लिया और जितना भी कार्य इस क्षेत्र मे किया बिलकुल दिल से किया । लगातार अरूण दूबे अपनी सेवा कुस्ती के क्षेत्र मे दे रहे है। कई लोगो ने मुझे भी कहा की तुम्हारा मित्र अरूण दुबे कुस्ती के क्षेत्र की विडियो ग्राफी करने के मामले मे भविष्य का चमकता सितारा है। मैने जब ये बात अरूण दुबे को बताई तो बोले की मजाक क्यो करता है। मैने कहा की मजाक तो मै करता ही नही कभी किसी का मैने आपको सत्य बात बताई मेरा हाथ पकड कर बोले की ये बाते मेरे लिये मील का पत्थर साबित होगी इन बातो से मेरा हौसला कई गुना बढ गया है।

llरविन्द्र शामली ।l
कुस्ती जगत ब्यूरो चीफ
उत्तर प्रदेश

Monday, August 20, 2018

एक लाख रुपये, घी, बदाम व भैस बजरंग के नाम - बब्बु खलीपा

दिल्ली कुस्ती प्रमोटर टीम के अध्यक्ष श्री बब्बु खलीपा का मानना है कि जिस प्रकार केवल नारा मार देने से कोई देश भगत नही होता उसी प्रकार केवल शुभकामना देने से किसी पहलवान का भला नही हो सकता दिल्ली की कुस्ती प्रमोशन टीम बब्बु खलीपा के निर्देशन मे कार्य करती है। बब्बु खलीपा ने अभी अभी ये फैसला लिया की केवल बधाई संदेश से पहलवानी और पहलवान का भला नही हो सकता है। जल्द ही श्री बब्बु खलीपा की कुस्ती प्रमोशन टीम बजरंग पहलवान को 100 किलो घी , 100 किलो बदाम , 1 लाख रू0 तथा एक भैस बधाई संदेश के साथ इनाम मे देगी । दिल्ली कुस्ती प्रमोशन टीम के पंकज अग्रवाल , महानन्द सिघल , सुरेन्द्र कालीरमण, अर्जुन सुद व विक्रम वशिष्ठ प्रवीण गोयल , सुरेन्द्र कुमार पूर्व विधायक , अतुल जैन (डी एस ग्रुप) , कौशल गुप्ता, अलोक दुबे ने बब्बु खलीपा के प्रस्ताव पर अपनी मोहर लगा दी है। जल्द ही दिन व दिनाकं की घोषणा की जायेगी।

llरविन्द्र शामली ll
  कुस्ती जगत

अटल बिहारी वाजपेयी को दंगल मे दी गई श्रद्धाजंलि - सुरेन्द्र कालीरमण


नई दिल्ली (रविन्द्र शामली) रविवार को दिल्ली (आई एस बी टी ) के सामने गुरू चिरंजी अखाडे मे गुरू बेला पहलवान की स्मृति मे विशाल दंगल का आयोजन किया गया जिसमे एक सौ पचास से ज्यादा कुस्तीया पुरुष व महिलाओ के बीच हुई सभी पहलवानो को इनाम दिया गया जिसमे सबसे बडी कुस्ती 51000 रू के इनाम पर रोहित (अखाडा तेज सिंह) व कपिल धामा (गुरू हनुमान) के बीच हुई जिसमे रोहित अंको के आधार पर विजेता रहे तथा कपिल धामा उप विजेता रहे । दंगल मे दूर दूर से आये सभी कोच, खलीपा व पहलवानो ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धाजंलि देकर याद किया दंगल मे मुख्य अतिथि महानन्द प्रसाद सिंघल , जय प्रकाश अग्रवाल (पूर्व सांसद), सुरेन्द्र सिंह (पूर्व विधायक), गुरू हनुमान अखाडे के स्टार पहलवान नवीन मोर , पंकज अग्रवाल , प्रवीण गोयल ,अर्जुन सूद , कौशल गुप्ता , सुभाष राणा रहे । दंगल का आयोजन प्रशlन्त रोहतगी (बब्बु खलीपा), सुरेन्द्र कालीरमण एडवोकेट , विकास पहलवान , विक्रम वशिष्ठ ने किया ।


Friday, August 17, 2018

भीम पहलवान जी थे कुस्ती के दिवाने - सरस्वती महलावत

 (श्रीमति सरस्वती महलावत जी कुस्ती रत्न भीम पहलवान जी की पत्नी है। )

रविन्द्र शामली ---- आपने जैसा नाम वैसा काम वाली कहावत को चितार्थ किया उच्च दर्जे की शिक्षा को हासिल किया कैसे ?

सरस्वती महलावत ---- हमारे जमाने मे फोन तो दूर की बात है टीवी नही होता था जाहिर सी बात है मै अधिक समय पढाई करने मे गुजारती थी माता  पिता हौसला बढाते गये और मै आगे बढती गई ।

 रविन्द्र शामली ---- आपने होममिनिस्टरी मे नौकरी की बाद मे टीचिगं लाईन मे योगदान दिया आप  राष्ट्रपति पुरूस्कार से भी सम्मानित हुई कई चुनौतिया भी आई होगी सामने , कैसे पार किया ?

सरस्वती महलावत - --- हर किसी को जीवन मे चुनौतियो का  सामना करना होता है। मेरे सामने भी कई चुनौतिया थी  जब इंसान के पास काबिलियत हो तब चुनोतिया बिखर जाती है बसर्ते पहलवानो की भांति आखरी सैकिण्ड तक इंसान मे चुनोतियो से लडने का जज्बा हो ।

रविन्द्र शामली ----माता जी आपने कभी क्या शादी से पहले या पढाई के दिनो मे सोचा था कि  कुस्ती के क्षेत्र मे योगदान देना है ?   

सरस्वती महलावत ----- नही उस समय तो कभी ख्याल भी नही आया था कि कभी कुस्ती के क्षेत्र मे आना पडेगा

रविन्द्र शामली - आपकी शादी जाने माने भीम पहलवान जी से हुई कम से कम शब्दों मे बताईये श्री भीम पहलवान जी कैसे थे ? 

सरस्वती महलावत - कुस्ती के दिवाने थे भीम पहलवान जी ।

रविन्द्र शामली - श्री भीम पहलवान जी से जुडी हुई कोई बात जो आज भी याद हो ?

सरस्वती महलावत - पहलवान जी की तो अब यादे ही बची है। मुझे याद है जब मै होम मिनिस्टरी मे नौकरी करती थी कभी कभी पहलवान जी अपनी सारी तनखा पहलवानो पर खर्च कर देते थे जैसे भारत गॉवो मे बसता है।  वैसे ही पहलवान जी कुस्ती मे रमे हुये थे ।

रविन्द्र शामली - कुस्ती के क्षेत्र मे आपने अमिट अलख जगाई इस क्षेत्र मे आने का विचार कैसे आया । 

सरस्वती महलावत - पहलवान जी के स्वर्गवास के बाद मुझे आभास  हुआ कि मुझे पहलवान जी के कार्यो को आगे बढाना चाहिए उनके लिये यही सच्ची श्रद्धाजंली होगी पुरुष हो या महिला दृड विश्वास और संकल्प हो तो क्या नही किया जा सकता है।

रविन्द्र शामली - माता जी आप कुस्ती के क्षेत्र मे जिस स्तर पर योगदान दे रही हो उस स्तर पर आप देश की प्रथम महिला हो कहीं  दंलग से बुलावा आता है वहॉ जाती हो कैसा लगता है। 

सरस्वती महलावत - संतोष होता है कि मै पहलवान जी के नाम को आगे बढा रही हू उनकी विरासत को बागे बढा रही हू ।

रविन्द्र शामली - आपके बेटे का क्या नाम है माता जी ?

सरस्वती महलावत -  मोहित महलावत किगं (लोग प्यार से किगं कहते है।)

रविन्द्र शामली - ---भविष्य की क्या योजना है ? 

सरस्वती महलावत ---- -एक ही योजना है जब तक दम है। अपने पति के सपनो को साकार करूगी।

रविन्द्र शामली - युवाओ के लिये कोई संदेश दीजिये माता जी ?

सरस्वती महलावत ----- चुनौतियो से घबराने के बजाय उनसे पार पाने  के लिये काम करो तो सफलता मिलेगी जरूर मिलेगी ।

llसाक्षातकार कर्ता ll 
रविन्द्र शामली 
कुस्ती जगत ब्यूरो चीप 
(उत्तर प्रदेश )

Thursday, August 16, 2018

राजकुमार जी और कुस्ती एक सिक्के के दो पहलू - श्रीमति चमेली देवी



श्रीमति चमेली देवी ( स्वर्गीय श्री राजकुमार पहलवान खलीपा की पत्नी है )


रविन्द्र शामली---- - आपकी शादी गुरू राजकुमार जी के साथ मे हुई इस संयोग के बारे मे बताये माता जी ?


चमेली देवी ---- एक बीच के रिस्तेदार ने मेरी शादी की बात चलाई थी लेकिन राजकुमार जी शादी नही करना चहाते थे उनकी मा यानी मेरी सास ने दबाब दिया राजकुमार जी पर तब वे राजी हुये और मेरी उनकी शादी हुई l


रविन्द्र शामली---- माता जी अब गुरू जी तो हमारे बीच नही है। क्या कभी गुरू जी राजकुमार के साथ किसी बात को लेकर मन मुटाव हुआ ?


चमेली देवी ---- नही राजकुमार जी तो एक संत थे शादी हो गई बच्चे हो गये वो बात दूसरी है। मुझे उन्होने कभी गलत शब्द तक नही कहे l


रविन्द्र शामली ---- गुरू जी का पूरा जीवन कुस्ती को समर्पित रहा है कभी आप की उनसे इस विषय पर बात हुई ?


चमेली देवी ---- किसी विषय पर बात करो या ना करो लेकिन राजकुमार जी कुस्ती पर बडी तसल्ली से बात करते थे राजकुमार जी ही नही इनके खानदान मे ही कुस्ती समाई हुई थी इनके बाबा , दादा सब पहलवान थे वही असर राजकुमार जी मे गया था


रविन्द्र शामली - राजकुमार जी के बचपन मे ही इनके पिता का स्वर्गवास हो गया था उस समय के संघर्ष के बारे मे कुछ बताईये ?


चमेली देवी - --- बडी लम्बी कहानी है उस जमाने मे राजकुमार के पिता की हलवाई की दुकान हुआ करती थी अच्छा काम चल रहा था इनके पिता का देहान्त हो गया जिम्मेदारीया राजकुमार जी पर गई बहुत संघर्ष किया लेकिन पहलवानी नही छोडी जब चारो और से घिर गये और लगा कि पहलवानी अब आसान ना होगी तो अखाडा खोल बच्चे बच्चीयो को प्रषिक्षण देने लगे l


रविन्द्र शामली ----- अब अखाडे का मुख्य संचालक कौन है ?


चमेली देवी ---- बडा बेटा है मेरा अशोक गोस्वामी वही चलाता है।


रविन्द्र शामली ----- गुरू जी परिवार और अखाडे के लिये समय का ताल मेल कैसे बिठा पाते थे ?


चमेली देवी ----- उनकी अपनी शैली थी काम करने की वे तालमेल बिठा ही लेते थे l


रविन्द्र शामली--- - राजकुमार जी ने महाभारत के भीष्म की तरह पूरा जीवन संघर्षो मे गुजार दिया आपको क्या लगता है ?

चमेली देवी ---- सही कहा आपने वे तो लगातार लडते ही रहे समस्याओ के साथ उन्होने परिवार और कुस्ती को बहुत कुछ दिया आज सब चीजो की मौज है। सब उनही की देन हे। वे होते तो बात कुछ और होती जब उनके सुख देखने के दिन आये तो वे चले गये क्या कर सकते है बस से बहार की बात है।


रविन्द्र शामली ---- आपने बडे उतार चढाव देखे है। दुनिया देखी है। कोई अनुभव बताओ ?


चमेली देवी - इन्शान समय के हाथो की कटपूतली के समान हैं कई मौको पर एक नही चलती , एक और बात कहना चाहुगी की जो दूसरो की इज्जत नही करना जानता उसे खुद के सम्मान की कल्पना भी नही करनी चाहिये मान सम्मान जितना दोगे उससे कई गुना ज्यादा मिलता है ये भी सच्चाई है यही मेरा अनुभव है।


रविन्द्र शामली ---- गुरू राजकुमार जी की विरासत ओरआगे बढे क्या सोचा है माता जी इस विषय मे ?


चमेली देवी ---- पहले अशोक गोश्वामी पहलवानी करता था अब अखाडा चलाता हैं इस परम्म्परा को ओर आगे तक ले जाने के लिये प्रतिबद्ध है। इसिलिये अशोक गोश्वामी अपने दो भतिजो को पहलवानी करवा रहा है दोनो भतीजे अभी छोंटे बच्चे हैं l


रविन्द्र शामली ---- पाठको के लिये कोई संदेश दीजिये ?


चमेली देवी ---- अच्छे आदमी बनो , अच्छे काम करो , अच्छे काम करोगे तो सब बूझते है बुरे करोगे तो कोई नही बूझता है।


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llसाक्षातकार कर्ता ll
रविन्द्र शामली
कुस्ती जगत ब्यूरो चीप
(उत्तर प्रदेश)