अरूण दूबे मेरे प्रिय मित्रो मे से एक है। खेल के लिये इनका बडा योगदान रहा है। अरूण जी का जन्म हरियाणा के फरीदाबाद मे सन- 1988 मे हुआ था अरूण जी के पिता का नाम अशोक कुमार व माता का नाम नीलम देवी है। अरूण दूबे जी ने कक्षा 12 की शिक्षा प्राप्त की है। हरियाणा के फरीदाबाद मे ही हिन्द केशरी नेत्रपाल पहलवान जी भी रहा करते है। अरूण दुबे बहुत दिनो पहले एक बार हिन्द केशरी नेत्रपाल के सर्म्पक मे आये और नेत्र पाल की बातो का अरूण दुबे पर विशेष प्रभाव पडा , ऐसा प्राभाव पडा की अरूण दुबे पहलवान नेत्रपाल के पास जब भी समय लगता जाने लगे नेत्र पाल जी अरूण दुबे को अपनी कुस्ती की कहानी व किस्से सुनाया करते कही दंगल से नेत्र पाल पहलवान जी का बुलावा आता तो अरूण दुबे भी नेत्रपाल के साथ कुस्ती देखने जाने लगे । अब तो नेत्र पाल अरूण दुबे के आदर्श कहो या गुरू बस नेत्रपाल बन चुके थे । अरूण दुबे ने सुरूवात मे पत्रकारीता की और उसके बाद मे एक अच्छा सा कैमरा खरीदा और दंगलो की विडियोग्राफी करनी सुरू करदी 2016 की जनवारी से अरूण दुबे ने कैमरे के रूप मे कुस्ती की सेवा के लिये अपने हथियार उठा लिये और फिर कभी पीछे मुडकर नही देखा अरूण दुबे को लग्न और जनून इतना था कि 2016 से 2018 तक ही एक हजार से ज्यादा राष्ट्रीय लेविल के दंगलो को अपने कैमरे मे रिकोर्ड कर डाला अपने छोटे से कैरियर के दौरान ही दूबे जी ने कई खिलाडियो को फर्स से आसमान तक उडान भरते देखा अरूण दुबे के होसले के आगे हरियाणा ,दिल्ली राजिस्थान , महाराष्ट्र , पंजाब , उत्तर प्रदेश जैसे राज्य छोटे पडने लगे दुबे का कद दिन प्रतिदिन बढने लगा दूर दूर से बुलावे आने सुरू हो गये --------थोडी दुसरे राज्यो मे भाषा की समस्या जरूर आई लेकिन प्यार बेहिसाब मिला अरूण दुबे का मानना हे कि मेरे आदर्श हिन्द केशरी नेत्रपाल पहलवान जी ही है। यदि नेत्र पाल जी ना होते तो ये दुबे इस क्षेत्र मे कभी ना आता अरूण दुबे की मेहनत ने अरूण दूबे के कद को साबित कर के दिखाया बिना रूके बिना थके दूबे अपनी मेहनत को अन्जाम देते रहे अरूण दुबे जी एक ऐसे इन्सान है। जिन्होने कोई स्टार पहलवान हो या कोई गॉव का सामान्य पहलवान बराबर का दर्जा देने मे दुबे कभी पीछे ना हटे अरूण दुबे का कहना हैं कि स्टार के पीछे तो दुनिया भागती है। मैने तो साधारण पहलवानो को भी स्टार के दर्जे से कवर किया है। क्योकि आज का साधारण ही कल को असाधरण बनकर सामने आता है। अरूण दुबे अपने कैमरे से पुरुष व महिला पहलवानो की कुस्तीयो को कवर करने के साथ साथ कई तरह से शानदार फोटो ग्राफी करने के लिये मसहूर है। फरीदाबाद मे अरूण दुबे की एक अपनी पहचान और नाम हें लेकिन दूबे कहते है की प्यार से प्यार मिलता है। मै प्यार बाटता जाता हू लोग मुझे और ज्यादा प्यार देते जाते है। बचपन के दिनो को याद कर दुबे जी कहते है कि कई बार मै जब पढाई के दिनो मे दंगल देखने जाता था तो जी करता था की मै भी पहलवान बनू ( ये अन्दर की बात है पहलीबार जबान पर आई ) लेकिन सायद समय निकल चुका था और परिस्थितिया अनुकूल भी नही थी इसलिये मैने दूसरा रास्ता चुन लिया और जितना भी कार्य इस क्षेत्र मे किया बिलकुल दिल से किया । लगातार अरूण दूबे अपनी सेवा कुस्ती के क्षेत्र मे दे रहे है। कई लोगो ने मुझे भी कहा की तुम्हारा मित्र अरूण दुबे कुस्ती के क्षेत्र की विडियो ग्राफी करने के मामले मे भविष्य का चमकता सितारा है। मैने जब ये बात अरूण दुबे को बताई तो बोले की मजाक क्यो करता है। मैने कहा की मजाक तो मै करता ही नही कभी किसी का मैने आपको सत्य बात बताई मेरा हाथ पकड कर बोले की ये बाते मेरे लिये मील का पत्थर साबित होगी इन बातो से मेरा हौसला कई गुना बढ गया है।
llरविन्द्र शामली ।l
कुस्ती जगत ब्यूरो चीफ
उत्तर प्रदेश
कुस्ती जगत ब्यूरो चीफ
उत्तर प्रदेश