उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के निकट गॉव पचेण्डा कला के पहलवान युधिष्ठिर के अखाडे की बात करे तो यह अखाडा कई साल पहले युधिष्ठिर पहलवान के अथक प्रायासो की बदौलत साई से अडोप तो हो गया था । अखाडे को जिम और मैट भी साई कि तरफ से मिल चुका है। लेकिन अब मैट को कहॉ पर बिछाये समस्या ये है। पहलवान युधिष्ठिर उत्तर प्रदेश के मन्त्रीयो और सांसदो के घरो के चक्कर लगाते लगाते अपनी चप्पले घिसा चुके है। लेकिन किसी मन्त्री या विधायक , सांसद के सीने मे इतना दम नही पाया की किसी ने कहा हो कि युधिष्ठिर मै इस अखाडे मे हॉल का निर्माण कराऊगॉ । आज तक अखाडे मे साई की तरफ से कोई कोच नही दिया गया है। जबकि कोच बहुत जरूरी चहिये । जो चिन्ता का विषय है। इस अखाडे के जो बच्चे स्कॉलरशिप के लिये ट्रायल पास करने मे सफल हुये उन्हे साई की तरफ से केवल एक बार स्कॉलरशिप मिली है। फिर बाद मे कभी नही मिली । स्कॉलरशिप कहा जाती है। पता नही , इस विषय पर पहलवान युधिष्ठिर का कहना है कि " या तो अधिकरियो को कहना चहिये की हमारे पास स्कॉलरशिप देने के पैसे नही है। या फिर देनी चहिये लेकिन यहॉ उलटा है। यहॉ न स्कॉलरशिप मिलती है और ना कोई देने से मना करता है। " एक तरह से उभरती प्रतिभाओ का गला घोटा जा रहा है। पहलवान युधिष्ठिर आगे कहते है - हमारे अखाडे के बच्चे मेडल भी ला रहे है। लेकिन सरकार की और से कोई प्रोतसहान नही मिलता है। जो बच्चा बेहतर कर रहा है। सरकार का उस पर कोई ध्यान नही है। युधिष्ठिर पहलवान का कहना है कि मै इस क्षेत्र के सभी बच्चो के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिये गॉव पचैण्डा कला मे चल रहे शहीद बचन सिंह अखाडे मे बच्चो के उज्जवल भविष्य का सपना देखता हू सायद कुछ लोगों को लगता है की मेरे सपने फालतू के है। पहलवान युधिष्ठिर का मानना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे
प्रतिभाओ की कमी नही है। बहुत प्रतिभाये है जिन्हे थोडे से सहारे की जरूरत है। लेकिन यहॉ के लोगो को चमचागिरी करने से ही फुर्सत नही है। जब कोई मन्त्री या विधायक गॉव या क्षेत्र मे आता भी है। तो अपने यहॉ के लोग अपनी समस्या ना रखते ना रखने देते बस चमचागिरी मे लग जाते है। यही कारण है। कि प्रतिनिधि समस्याओ पर ध्यान नही देते । बताते चले पहलवान युधिष्ठिर एक समाज सेवी इन्सान है जो कि खेलो को बढावा देने के लिये लगातार प्रयासरत है। युधिष्ठिर की पत्नी भी राष्ट्रीय खिलाडी रह चुकी है। पहलवान युधिष्ठिर उत्तर प्रदेश सरकार की खेलो के प्रति उदासीनता से नाराज है।