Friday, August 17, 2018

भीम पहलवान जी थे कुस्ती के दिवाने - सरस्वती महलावत

 (श्रीमति सरस्वती महलावत जी कुस्ती रत्न भीम पहलवान जी की पत्नी है। )

रविन्द्र शामली ---- आपने जैसा नाम वैसा काम वाली कहावत को चितार्थ किया उच्च दर्जे की शिक्षा को हासिल किया कैसे ?

सरस्वती महलावत ---- हमारे जमाने मे फोन तो दूर की बात है टीवी नही होता था जाहिर सी बात है मै अधिक समय पढाई करने मे गुजारती थी माता  पिता हौसला बढाते गये और मै आगे बढती गई ।

 रविन्द्र शामली ---- आपने होममिनिस्टरी मे नौकरी की बाद मे टीचिगं लाईन मे योगदान दिया आप  राष्ट्रपति पुरूस्कार से भी सम्मानित हुई कई चुनौतिया भी आई होगी सामने , कैसे पार किया ?

सरस्वती महलावत - --- हर किसी को जीवन मे चुनौतियो का  सामना करना होता है। मेरे सामने भी कई चुनौतिया थी  जब इंसान के पास काबिलियत हो तब चुनोतिया बिखर जाती है बसर्ते पहलवानो की भांति आखरी सैकिण्ड तक इंसान मे चुनोतियो से लडने का जज्बा हो ।

रविन्द्र शामली ----माता जी आपने कभी क्या शादी से पहले या पढाई के दिनो मे सोचा था कि  कुस्ती के क्षेत्र मे योगदान देना है ?   

सरस्वती महलावत ----- नही उस समय तो कभी ख्याल भी नही आया था कि कभी कुस्ती के क्षेत्र मे आना पडेगा

रविन्द्र शामली - आपकी शादी जाने माने भीम पहलवान जी से हुई कम से कम शब्दों मे बताईये श्री भीम पहलवान जी कैसे थे ? 

सरस्वती महलावत - कुस्ती के दिवाने थे भीम पहलवान जी ।

रविन्द्र शामली - श्री भीम पहलवान जी से जुडी हुई कोई बात जो आज भी याद हो ?

सरस्वती महलावत - पहलवान जी की तो अब यादे ही बची है। मुझे याद है जब मै होम मिनिस्टरी मे नौकरी करती थी कभी कभी पहलवान जी अपनी सारी तनखा पहलवानो पर खर्च कर देते थे जैसे भारत गॉवो मे बसता है।  वैसे ही पहलवान जी कुस्ती मे रमे हुये थे ।

रविन्द्र शामली - कुस्ती के क्षेत्र मे आपने अमिट अलख जगाई इस क्षेत्र मे आने का विचार कैसे आया । 

सरस्वती महलावत - पहलवान जी के स्वर्गवास के बाद मुझे आभास  हुआ कि मुझे पहलवान जी के कार्यो को आगे बढाना चाहिए उनके लिये यही सच्ची श्रद्धाजंली होगी पुरुष हो या महिला दृड विश्वास और संकल्प हो तो क्या नही किया जा सकता है।

रविन्द्र शामली - माता जी आप कुस्ती के क्षेत्र मे जिस स्तर पर योगदान दे रही हो उस स्तर पर आप देश की प्रथम महिला हो कहीं  दंलग से बुलावा आता है वहॉ जाती हो कैसा लगता है। 

सरस्वती महलावत - संतोष होता है कि मै पहलवान जी के नाम को आगे बढा रही हू उनकी विरासत को बागे बढा रही हू ।

रविन्द्र शामली - आपके बेटे का क्या नाम है माता जी ?

सरस्वती महलावत -  मोहित महलावत किगं (लोग प्यार से किगं कहते है।)

रविन्द्र शामली - ---भविष्य की क्या योजना है ? 

सरस्वती महलावत ---- -एक ही योजना है जब तक दम है। अपने पति के सपनो को साकार करूगी।

रविन्द्र शामली - युवाओ के लिये कोई संदेश दीजिये माता जी ?

सरस्वती महलावत ----- चुनौतियो से घबराने के बजाय उनसे पार पाने  के लिये काम करो तो सफलता मिलेगी जरूर मिलेगी ।

llसाक्षातकार कर्ता ll 
रविन्द्र शामली 
कुस्ती जगत ब्यूरो चीप 
(उत्तर प्रदेश )