Saturday, March 9, 2019

पहलवान सुरेन्द्र नाड पर विशेष


पहलवान सुरेन्द्र सिंह नाड देश मे एक बहुत बडा नाम है। पहलवान जी ने बहुत नाम कमाया है। पहलवान जी लम्बे चौडे शरीर के मालिक है। पहलवान जी के पिता का नाम दुलीचंद और माता का नाम श्रीमति इन्द्रावति देवी है। पहलवान जी का जन्म हरियाणा के भिवाणी जिला के गॉव खातीवास मे 03-07-1975 मे हुआ था । बाद मे जब दादरी जिला बना तो पहलवान जी का जन्म स्थान दादरी जिला मे आ गया था । पहलवान सुरेन्द्र नाड बचपन से ही अपने साथ के बच्चो मे अपने डील डोल व ताकत से अलग स्थान रखते थे । 

महन्त वेदनाथ जी की निगाह जब सुरेन्द्र सिंह पर पडी

एक समय की बात है। सुरेन्द्र जी भिवानी मे गये हुये थे वहा पर महन्त वेदनाथ जी की निगाह सुरेन्द्र सिंह पर पडी कहते है कि हीरे की परख जोहरी को ही होती है। महन्त वेदनाथ जी ने पहलवान जी के परिवार से मिलने की इच्छा जाहिर की और सुरेन्द्र नामक लडके को भविष्य का बडा पहलवान बताया सुरेन्द्र जी के परिवार ने महन्त वेदनाथ की बात मान ली महन्त वेदनाथ जी भिवाणी मे अपना अखाडा चलाया करते सुरेन्द्र सिंह महन्त वेदनाथ जी के अखाडे मे आ गया । 
 महन्त वेदनाथ कहा करते की मेरा चेला सुरेन्द्र खरा सोना है

अपनी जबरदस्त मेहनत और लग्न से सुरेन्द्र सिंह ने अपने गुरू महन्त वेदनाथ का दिल जीत लिया अक्षर महन्त वेदनाथ कहा करते की मेरा चेला सुरेन्द्र खरा सोना है, खरा सोना । वास्तव मे सुरेन्द्र सिंह खरा सोना ही साबित हुये । 
                                                      पहलवान जी के पिता  दुलीचंद 
प्रसिद्धि मिलने के बाद भी सुरेन्द्र ने नही बदला था गुरू 

जहॉ आज कल लोग थोडे से लालच और नाम के कारण अपने गुरूओ को बदल लेते है। वही पहलवान जी ने सदा अपने गुरू महन्त वेदनाथ का ही नाम रोशन करते रहे । कोई भी लोभ और लालच पहलवान जी को नही डिगा पाया अब वो समय आ गया जब पहलवान जी 18 साल के हो गये पहलवान जी का फोलादी बदन और मोटी नाड को लोग देखकर सुरेन्द्र को सुरेन्द्र नाड कहा करते धीरे धीरे उनके नाम के सामने नाड शब्द और जुड गया और कुछ ही समय मे पहलवान जी पूरे भारत देश मे सुरेन्द्र नाड के नाम से प्रसिद्ध हो गये । 


                                                                                                           उपलब्धि


-पहलवान जी 2 बार हिन्द केशरी बने ।

- पहलवान जी 2 बार इंटरनेशनल सिलवर मेडलिस्ट बने ।
- पहलवान जी 16 वार नेशनल मे मेडल प्राप्त करने मे सफल हुये ।
- पहलवान जी ने 19 बार आल इण्डिया पुलिस गेमस मे पदक प्राप्त किये ।


                                                                                          सुरेन्द्र न
ही करना चहाते थे शादी 

पहलवान सुरेन्द्र नाड जी का वनज 125 से 130 कीलो हुआ करता था पहलवान जी अपने दम खम की बदोलत 1998 मे इस्पेक्टर बने पहलवान जी की शादी के लिये बहुत सारे रिस्ते आया करते लेकिन पहलवान जी हरबार मना कर देते आखिर पहलवान जी की मॉ श्रीमति इन्द्रवती ने 2003 मे पहलवान जी को शादी के लिये बडी मुशकिल से मनाया । पहलवान जी की 2004 मे एकता देवी के साथ शादी हो गई , लेकिन पहलवान जी का कुस्ती के प्रति जनून कम ना हुआ। पहलवान जी ने 2014 तक अपनी ताकत का लोहा मनवाया पहलवान सुरेन्द्र नाड का गोड्डा टेकणा सबते खतनाक माना जाता था । पहलवान जी जब सिंगल पठ लगाते तो विरोधी को उठाकर सैकिन्डो मे जमीन पर ठोक देते थे । पहलवान जी ने अपने इस दॉव की बदोलत अच्छे अच्छे पट्ठो को अपने कुस्ती कैरियर के दौरान आसमान दिखाया । 

सुरेन्द्र नाड है शाकाहारी

पहलवान सुरेन्द्र नाड जी सदा शाकाहारी रहे आज भी शाकाहारी है। पहलवान जी रोजाना आठ कीलो दुध , आधी कीलो बदाम , पाईया घी , तीन लीटर जूस , चार पलेट सलाद , दो से तीन कीलो फलो का सेवन खेल के दिनो मे उनकी डाईट मे शामिल रहा । महन्त वेदनाथ जी का आशीर्वाद हमेसा पहलवान जी के साथ रहा । लम्बे समय तक पहलवान जी अपने नाम का डंका कुस्ती के क्षेत्र मे बजवाते रहे l पहलवान जी का मानना है कि जो सरकारो ने देश के हर गॉव गॉव जाकर शराब के ठेके खोलने का काम किया है। इससे युवा बर्बाद हुआ है। यदि सरकार इस तर्ज पर देश के हर गॉव गॉव जाकर अखाडे या खेल अकेडमी खोलने का काम करती तो आज हम अमेरिका और चीन को खेलो मे चुनोती दे रहे होते । 


सुरेन्द्र नाड जी का मानना है कि हमारे देश मे प्रतिभाओ की कमी नही 

सुरेन्द्र नाड जी का मानना है कि हमारे देश मे प्रतिभाओ की कमी नही है। कमी है संसाधनो की , कमी है उन प्रतिभाओ को निखारने की पहलवान सुरेन्द्र नाड जी का कहना है कि बहुत सारे प्रतिभlवान खिलाडीयो की प्रतिभl पैसे की कमी मे दम तोड देती है। जिसे पहलवान जी दुर्भांग्य पूर्ण मानते है। 



सुरेन्द्र नाड का युवाओ के लिये संदेश 

दोस्तो परेशानियां सभी के जीवन मे आती है। परेशानियों का सामना करना ही वास्तविक जीवन का आधार है। मेहनत करो फल जरूर मिलेगा बुरे कामो से दूर रहो । बुरे लोगो से भी दूर रहो । नशे के पास मत जाना नही तो नशा आपको र्बबाद करदेगा अपने बडो की सेवा करो सुबह साम परमात्मा को याद किया करो । -----------------
पहलवान जी ने कम संसाधनो और सुख सुविधाओ के बावजूद बडा संघर्ष किया है। कुस्ती जगत मे पहलवान जी सुरेन्द्र सिंह नाड जी जैसी शख्सियतो पर हर भारत वासी गर्व करता है। -


रविन्द्र शामली 
कुस्ती जगत