श्रीमति चमेली देवी ( स्वर्गीय श्री राजकुमार पहलवान खलीपा की पत्नी है )
रविन्द्र शामली---- - आपकी शादी गुरू राजकुमार जी के साथ मे हुई इस संयोग के बारे मे बताये माता जी ?
चमेली देवी ---- एक बीच के रिस्तेदार ने मेरी शादी की बात चलाई थी लेकिन राजकुमार जी शादी नही करना चहाते थे । उनकी मा यानी मेरी सास ने दबाब दिया राजकुमार जी पर तब वे राजी हुये और मेरी उनकी शादी हुई l
रविन्द्र शामली---- माता जी अब गुरू जी तो हमारे बीच नही है। क्या कभी गुरू जी राजकुमार के साथ किसी बात को लेकर मन मुटाव हुआ ?
चमेली देवी ---- नही राजकुमार जी तो एक संत थे शादी हो गई बच्चे हो गये वो बात दूसरी है। मुझे उन्होने कभी गलत शब्द तक नही कहे l
रविन्द्र शामली ---- गुरू जी का पूरा जीवन कुस्ती को समर्पित रहा है कभी आप की उनसे इस विषय पर बात हुई ?
चमेली देवी ---- किसी विषय पर बात करो या ना करो लेकिन राजकुमार जी कुस्ती पर बडी तसल्ली से बात करते थे राजकुमार जी ही नही इनके खानदान मे ही कुस्ती समाई हुई थी । इनके बाबा , दादा सब पहलवान थे वही असर राजकुमार जी मे आ गया था ।
रविन्द्र शामली - राजकुमार जी के बचपन मे ही इनके पिता का स्वर्गवास हो गया था उस समय के संघर्ष के बारे मे कुछ बताईये ?
चमेली देवी - --- बडी लम्बी कहानी है उस जमाने मे राजकुमार के पिता की हलवाई की दुकान हुआ करती थी अच्छा काम चल रहा था इनके पिता का देहान्त हो गया जिम्मेदारीया राजकुमार जी पर आ गई बहुत संघर्ष किया लेकिन पहलवानी नही छोडी जब चारो और से घिर गये और लगा कि पहलवानी अब आसान ना होगी तो अखाडा खोल बच्चे बच्चीयो को प्रषिक्षण देने लगे l
रविन्द्र शामली ----- अब अखाडे का मुख्य संचालक कौन है ?
चमेली देवी ---- बडा बेटा है मेरा अशोक गोस्वामी वही चलाता है।
रविन्द्र शामली ----- गुरू जी परिवार और अखाडे के लिये समय का ताल मेल कैसे बिठा पाते थे ?
चमेली देवी ----- उनकी अपनी शैली थी काम करने की वे तालमेल बिठा ही लेते थे l
रविन्द्र शामली--- - राजकुमार जी ने महाभारत के भीष्म की तरह पूरा जीवन संघर्षो मे गुजार दिया आपको क्या लगता है ?
चमेली देवी ---- सही कहा आपने वे तो लगातार लडते ही रहे समस्याओ के साथ उन्होने परिवार और कुस्ती को बहुत कुछ दिया । आज सब चीजो की मौज है। सब उनही की देन हे। वे होते तो बात कुछ और होती जब उनके सुख देखने के दिन आये तो वे चले गये क्या कर सकते है बस से बहार की बात है।
रविन्द्र शामली ---- आपने बडे उतार चढाव देखे है। दुनिया देखी है। कोई अनुभव बताओ ?
चमेली देवी - इन्शान समय के हाथो की कटपूतली के समान हैं कई मौको पर एक नही चलती , एक और बात कहना चाहुगी की जो दूसरो की इज्जत नही करना जानता उसे खुद के सम्मान की कल्पना भी नही करनी चाहिये मान सम्मान जितना दोगे उससे कई गुना ज्यादा मिलता है ये भी सच्चाई है यही मेरा अनुभव है।
रविन्द्र शामली ---- गुरू राजकुमार जी की विरासत ओरआगे बढे क्या सोचा है माता जी इस विषय मे ?
चमेली देवी ---- पहले अशोक गोश्वामी पहलवानी करता था अब अखाडा चलाता हैं इस परम्म्परा को ओर आगे तक ले जाने के लिये प्रतिबद्ध है। इसिलिये अशोक गोश्वामी अपने दो भतिजो को पहलवानी करवा रहा है दोनो भतीजे अभी छोंटे बच्चे हैं l
रविन्द्र शामली ---- पाठको के लिये कोई संदेश दीजिये ?
चमेली देवी ---- अच्छे आदमी बनो , अच्छे काम करो , अच्छे काम करोगे तो सब बूझते है बुरे करोगे तो कोई नही बूझता है।
llसाक्षातकार कर्ता ll
रविन्द्र शामली
कुस्ती जगत ब्यूरो चीप
(उत्तर प्रदेश)