श्री पुनीत इस्सर किसी पहचान के मोहताज नही है। फिटनेश की बात करे तो आज भी श्री पुनीत इस्सर युवाओ के लिये किसी प्रेरणा श्रोत से कम नही है। बी0 आर0 चोपडा के महाभारत मे दुर्योधन का किरदार निभाकर श्री पुनीत इस्सर ने बडी उपल्ब्धि पाई थी।
रविन्द्र शामली (कुस्ती जगत)
सेना मे भर्ती होना था बचपन का सपना
मेरे पिताजी श्री सुदेश इस्सर फिल्म डायरेक्टर थे जिनसे बहुत कुछ सीखा
रविन्द्र शामली (कुस्ती जगत)
सेना मे भर्ती होना था बचपन का सपना
मेरे परिवार के कई लोग भारतीय सेना मे कार्यरत थे , मै भी सोचा करता था कि सेना मे भर्ती होकर देश की सेवा करनी है। मैने एन0डी0ए0 का टेस्ट दिया , उसे पास भी कर लिया , फिर इण्टरव्यू देकर घर आ गया । अभी जोईनिगं मे करीब छः से सात महीने का समय था । इसी बीच मैने सोचा की एक्टिगं का कोर्स कर लेता हू । मै एक्टिगं का कोर्स करने लगा फिर मेरा एक्टिग करने मे ही मन लगने लगा तो अभिनय से जुड गया ।
जब 24 साल का था तब सोच लिया था उम्र के मामले मे आगे नही बढुगां
चौबीस साल की उम्र से ही मैने मार्शल आर्ट , कुगं फू और कसरत करना सुरू कर दिया था । जिसे मैने कभी नही छोडा आज भी मै चौबीस साल का ही अनुभव करता हू । मै मानता हू कि उम्र तो सिंर्फ नम्बर गेम की तरह है। जैसा सोचोगे वैसा ही महसूस करोगे और दिखोगे ।
हिंदुस्तान मे एक गलत प्रथा है कि दण्ड बैठक जवानी मे पेलनी चाहिये
मै जहॉ भी जाता हू अपने चहाने वालो को एक ही बात कहता हू , कि जो सोच हम बनाये हुये है कि जवानी मे जिम जाना है। दण्ड बैठक लगानी है लेकिन जैसे ही 35 - 40 साल के पार हुये तो छोड देते है। यह गलत है। मै तो मानता हू सरासर गलत है। क्योकि जब गाडी नई होती है तो उसे सर्विश की ज्यादा जरूरत नही होती लेकिन जैसे ही गाडी पुरानी होती है तो उसे सर्विश की ज्यादा जरूरत होती है। हमारा शरीर भी गाडी के ही समान है। इसलिये 35-40 साल के बाद शरीर को कसरत करने की आदत डालिये । स्वस्थ रहने के लिये व्यायाम बहुत जरूरी है सौ बिमारी की एक दवा है कसरत ।
मेरे पिताजी ने एक फिल्म बनाई थी प्रेम जिसमे राज बब्बर और अनीता राज को ब्रेक दिया गया था । इसी फिल्म मे जगजीत सिंह को म्यूजिक डायरेक्टर का ब्रेक मिला था । उस फिल्म मे एक गीत था " होटो से छू लो तुम मेरे गीत अमर कर दो " यह मेरे पिताजी की फिल्म का गीत था । मा कसम बदला लूगॉ , आखरी मुकाबला , भाई का दुश्मन भाई , ज्वाला , काली बस्ती , फरेबी , सौदा जैसी कई सारी फिल्मो का निर्देशन मेरे पिताजी ने किया । पिताजी से समय समय पर मुझे काफी कुछ सीखने को मिलता रहा।
मेरी पहली फिल्म थी कुली
एक्टिगं का कोर्स करने के बाद वही पर बतौर प्रोफेसर लम्बे समय तक मैने पढाया भी , इसके बाद मुझे कुली फिल्म मिली थी। कुली फिल्म मे अमिताभ बच्चन का चोटिल होना एक हादसा था । मेरे और अमिताभ बच्चन के बीच एक फाईट शीन फिल्माया जा रहा था , जिसमे अमित जी चोटिल हो गये थे यह एक हादसा था जिसमे मेरी कोई गलती नही थी । स्वयं अमित जी ने भी कई बार अपने साक्षात्कारो मे भी कहा था कि पुनीत की कोई गलती नही थी। लेकिन इस घटना का मेरे कैरियर पर बुरा प्रभाव पडा , कई साल तक मेरे पास काम न के बराबर था ।जबकि मै खुद अमित जी का फैन था ।
मै जो वास्त्व मे था वह धुल गया था
मै वास्तव मे स्पीच डिक्शन का प्रोफेसर था । मार्शल आर्ट मे गोल्ड मेडलिस्ट था । काबिल एक्टर था , लेकिन वो सब धुल गया और सामने ये आया कि बन्दा 6 फिट 3 ईच का है। अच्छी बोडी है। मार्शल आर्ट करता है। यह तो फाईटर है। रियल मे मुझे कुछ लोगो ने विलन बना दिया । इस इमेज से मेरे लिये बहार निकलना बहुत मुश्किल काम था । मुझे जिस तरह के रोल चाहिये थे वो नही मिल रहे थें ।
फिल्मो मे मन नही लग रहा था
कुली मे हुये हादसे के बाद मैने उस समय पुराना मन्दिर फिल्म की थी जो सौ सप्ताह चली थी , लेकिन बी ग्रेड थी इस तरह की फिल्मो से ख्याती नही मिल सकती । शक्ति सामन्त की पालेखान की मैने जैकी श्राफ के साथ उसमे मेरा अच्छा रोल था लेकिन वो नही चली । मै किसी को दोष नही देता , सायद मै भविषय के लिये ओर मजबूत हो रहा था ।
बी0 आर0 चोपडा सहाब के महाभारत का मिलना
मुझे एक दिन पता चला कि चोपडा सहाब टेलिविजन सीरीज बना रहे है। महाभारत के नाम से , मुझे लगा कि ये सही रहेगा क्यो ना चोपडा सहाब से मिला जाये । मै चोपडा सहाब के पास गया । चोपडा सहाब ने मुझे देखकर कहा कि बहुत अच्छी बॉडी है। जाओ तुम्हे भीम बना दिया । मैने विनम्रता के साथ कहा कि सर मैने महाभारत पढा है। आप मुझे दुर्योधन का रोल दे दो । चोपडा सहाब बोले नही तुम तो फाईटर हो भीम का रोल करो । मैने मैथली शरण गुप्त जी का जयध्रत वध जो मुझे मुजबानी याद था वो सुनाया चोपडा जी को तब जाकर राही मासूम सहाब , पण्डित नरेन्द्र शर्मा जी और चोपडा सहाब के कान खडे हुये और मुझे दुर्योधन का रोल मिला ।
महाभारत के लिये जी जान से की थी तैयारी
मेरे अपने शोध के दौरान पढ़े गए ग्रंथ मुख्यतः वेद व्यास की महाभारत , भास की उरुभंगश् दुर्योधन के दृष्टिकोण से लिखित , रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी कर्ण के दृष्टिकोण से लिखित और शिवाजी सावंत की श्मृत्युंजयश् को पढ़ा। हालांकिए यह चरित्र महाभारत की महिला नायिका द्रौपदी के चीरहरण के लिए विख्यात है। इन तैयारियो के बाद तब बी0 आर0 चोपडा के महाभारत मे दुर्योधन के किरदार को जिया था ।
संवाद अदायगी के दौरान किसी पात्र को जीना ही कलाकारी
संवादो को याद करना और बोलना बडी बात नही होती , बडी बात होती है उस पात्र को जीना । संवाद स्पष्ट सुनाई देने चाहिये । हर कलाकार का अपना एक फन होता है। उस फन के माध्यम से लोगो के रोगंटे खडे करना कलाकारी होती है। संवाद अदायगी के दौरान हाथो का इस्तेमाल , ऑखो का इस्तेमाल कलाकारी को धार दे जाता है। कई लोग कहते है कि हठ और गुस्सा आप किरदार के बहार भी करते है आम जीवन मे या नही ?
मै उत्तर देना चहाता हू । नही .....नही..... नही..... मै एक एसा कलाकार हू जो किसी भी किरदार को बडी आतमीयता से जीता है।
कसरत के लिये समय निकालने मे कभी समस्या नही हुई
कई लोग कहते है कि आप कसरत के लिये समय कैसे निकाल लेते है। मै कहता हू कि जब हम काम करते है तो सॉस भी तो लेते है। रोजाना भोजन भी तो करते है। फिर कसरत क्यो नही कर सकते , जैसे जीने के लिये सॉस लेने की जरूरत है। भोजन करने की जरूरत है। पानी पीने की जरूरत है। वैसे ही जीने के लिये कसरत जरूरी है। मेरे लिये तो कसरत जीवन का हिस्सा है। आप सब पढने वालो को भी कहता हू कि आप भी कसरत को जीवन का हिस्सा बनाओ ।
60 की उम्र मे घटा दिया था 22 किलो वजन
जब मैने महाभारत किया तो मेरा उस समय 96 किलो वजन था टोटल मसलस , बाद मे 122 - 124 किलो के आस पास हो गया था । मुझे रावण की रामायण जो स्टेज प्रोगराम था मे रावण का रोल करना था। दूसरे स्टेज शो मे दुर्योधन का रोल करना था तब मुझे लगा कि मेरा वजन ज्यादा हैं । तब मैने कडी मेहनत की और 23 किलो वजन कम किया । एक बार फिर यही कहना चाहुगॉ कि यदि स्वस्थ रहना है तो अपने आपको को व्ययाम से दूर मत होने दो । मै इस उम्र मे भी रोजाना 3 से 4 घंटे व्ययाम करता हू।
भगवान का शुक्र है आज भी लोग याद करते है