Wednesday, August 1, 2018

मिट्टी की कुस्ती पहलवानी का बचपन : अशोक वशिष्ट

साक्षात्कार

रविन्द्र सिंह -  ऐसी कोई बात बताईये जिसको सोचकर ही सकून महसूस होता हो ?
अशोक वशिष्ट---- (हसते हुये ) मै भारतीय पहलवानी की जड गुरू चिरंजी का पोता हू रूस्तमे हिन्द पहलवान परसाराम जी का पूत्र हू मेरे चाचा पुरूषोत्तम जी अपने समय के नामचीन पहलवान रहे है। मुझे जन्म ही परमात्मा ने ऐसे परिवार मे दिया जो परिवार पहलवानी से पहले से ही जुडा था l  ये मेरे लिये गर्व की बात है। मुझे ये सोचकर भी सूकून होता है। मै आभारी हू प्रमात्मा का कि मुझे ऐसे परिवार मे जन्म दिया ।

रविन्द्र सिंह - कुस्ती को जिन्दा रखने के लिये किन कदमो का उठाया जाना आवश्यक है ?
अशोक वशिष्ट---- आज के दौर मे पहलवानी बहुत महगां खेल हो गया है। जिस प्रकार  से पहले पुराने दौर मे राजा महाराजओ के यहॉ पहलवान होते थे राजा लोग खर्च उठाते थे आज उसी तर्ज पर चेयरमैनो , मेयरो , विधायको सांसदो , उदयोगपतियो को पहलवानो को गोद लेना चहिये । जिससे आर्थिक तंगी की वजह से किसी अच्छे पहलवान का कैरियर समाप्त ना हो यदि ऐसा होता है तो कुस्ती क्या पूरे खेल जगत मे क्रान्ति आ जायेगी ।

रविन्द्र सिंह - मिट्टी और गद्दे की कुस्ती को आप किस अंदाज मे देखते हो ?
अशोक वशिष्ट---- मिट्टी की कुस्ती पहलवानी का बचपन है और गद्दे की कुस्ती पहलवानी की जवानी है।

रविन्द्र सिंह - आपकी कुस्ती के क्षेत्र मे प्रथम प्राथमिकता क्या है ? 
अशोक वशिष्ट---- मेरी प्रथम प्राथमिकता है  मिट्टी की कुस्ती को बचाकर रखना , छोटे बच्चो पर भी ध्यान देना , देखिये गॉव देहात मे हर जगह तो मैट नही होते हर अखाडे मे मैट उपलब्ध नही है औरो की क्या बात करे मेरे पास उपलब्ध नही है। ज्यादातर पहलवान गॉव खेडो देहात से ही निकलकर आते है जो सुरूवात मे मिट्टी मे ही अभ्यास करते है और  बडे अखाडो मे पहुचते है नाम रोशन करते है।

रविन्द्र सिंह - गुरू चिरंजी वययामशाला हो मास्टर चंदकीराम जी का अखाडा हो जमुना के किनारे बनाये गये है। कोई खास वजह ?
अशोक वशिष्ट----  वजह  जिससे जमुना के किनारे पहलवान दौड लगा सके वातावरण अच्छा मिल सके इन्ही बातो का ध्यान रख हमारे बडो ने इन अखाडो का निर्माण जमुना किनारे किया था ।

रविन्द्र सिंह - वर्तमान मे आप किस पहलवान से प्रभावित है ? 
अशोक वशिष्ट---- वर्तमान मे मै मास्टर चंदकीराम जी के लडके जगदीश कालीरमण पहलवान जी से बेहद प्रभावित हू उन्होंने अखाडे मे लड़कियों के लिये बडी शानदार व्यवस्था की है। कम शब्दो मे कहु तो जगदीश ने अपनी कार्यशैली से मास्टर चन्दकीराम अखाडे को चार चॉद लगा दिये है। जगदीश पहलवान मेरी आज भी उतनी ही इज्जत करता है जितनी उनके पिताजी मास्टर जी चन्दकीराम जी मेरे दादा और पिताजी की किया करते थे । वास्तव मे जगदीश को आदमी की पहचान है।

रविन्द्र सिंह - आप दंगल करवाते है। छोटे बच्चो को कुस्ती सिखाते है। नौकरी की डयूटी के बाद का आपका सारा समय ऐसे ही बीत जाता है। आपकी पत्नी  आपको मना नही करती ? 
अशोक वशिष्ट---- (हसते हुये ) नही ये कभी मना नही करती मेरी समय समय पर मदद ही करती है।

रविन्द्र सिंह - आपकी नजर मे किसी पहलवान के पतन का मुख्य कारण क्या है? 
अशोक वशिष्ट---- अनुशासन की कमी , आशकी और बदमाशी , आर्थिक स्थिति चौथे नम्बर पर

रविन्द्र सिंह - छोटे बच्चो की डाईट कैसी हो आपकी नजर मे ?
अशोक वशिष्ट---- पनीर ,दूध, दही, दाले ,हरी शब्जी ,फल ,जुश ,बदाम ,मुनाक्खा ,सुरूवात मे बच्चो को यही चीजे देनी चहिये ।

रविन्द्र सिंह - पहलवानी और अशोक वशिष्ट (आप) का कैसा रिस्ता है ? 
अशोक वशिष्ट---- पहलवानी मेरे बगैर भी चलेगी सब काम होगे लेकिन मै पहलवानी के बैर नही रह सकता l

रविन्द्र सिंह - आगे क्या योजना है ? 
अशोक वशिष्ट---- आज तक निस्वार्थ भाव से कुस्ती के लिये काम किया है। कुस्ती की जडे मेरे खून मे बसी है। आगे भी तन मन धन से जो सहयोग होगा वो करूगा दिन हो या रात हर समय तैयार मिलूगॉ l
समाप्त
साक्षात्कार कर्ता 
llरविन्द्र सिंह ऊण शामली ll 
कुस्ती जगत ब्यूरो चीफ
(उत्तर प्रदेश)

एक मुलाकात पहलवान नवीन मोर (भीम अवार्डी ) के साथ

साक्षातकार
पहलवान नवीन मोर (गुरूहनुमान अखाड़ा )
वर्ल्ड पुलिस गेम्स -/ ग्रीको रोमन , फ्रि स्टाईल
मे डब्ल गोल्ड मेडलिस्ट (120 /130 kg )
रविन्द्र सिंह- ---गुरूहनुमान अखाडे मे रहकर आपको मान ,सम्मान ,नौकरी सब कुछ मिला अब कैसा लगता है ?
नवीन मोर - --- अच्छा लगता है। मै आपको बताऊ सौभाग्य था हमारा कि हमे गुरू जी की छत्र छाया मे आगे बढने का मौका मिला हकीकत मे गुरू हनुमान जी कुस्ती के खुदा थे ।

रविन्द्र सिंह---- नवीन जी आप भी अखाडे मे कोच होगे ?
नवीन मोर - --- नही जी मै तो पहलवान ही हू कोच नही हू जब भी समय लगता है अपनी सेवाये निस्वार्थ भाव से अखाडे को देता हू , क्योकि यह मेरा फर्ज् भी है। हम आज जो भी है इस अखाडे की वजह से ही है।

रविन्द्र सिंह----आप लोग अखाडे मे लडको को बहुत जयादा कडी टरेनिगं देते हो बिलकूल दम निकाल देते हो इसके लाभ क्या है ?
नवीन मोर --- अब कुस्ती बदल चुकी है , फाईटो मे लगातार अटेक करने होते है , जिसके लिये दम लगाना पडता है और दम एसे ही बनता है।

रविन्द्र सिंह--- पहलवान और कोच दोनो के अपने अपने क्षेत्र मे सफलता प्राप्त करने के लिये क्या जरूरी है।
नवीन मोर --- पहलवान और कोच दोनो एक सिक्के के ही अलग अलग पहलू है। कोच को अपने पहलवानो पर अपना होल्ड बना कर रखना होता है , कोच जितना अपने पहलवान से अपने दिशा निर्देशों कl पालन करा लेता है पहलवान मे उतना ही निखार आ जाता है दूसरी और पहलवान जब कुस्ती के दौरान विपक्षी पहलवान पर जितना होल्ड बना कर रखेगा अटेक करेगा उतना फायदा मिलेगा , अपने पहलवान को इस तरह विजय प्राप्त करते हुये देखकर कोच का सीना अपने आप चौडा हो जाता है। आप समझ गये होगे मै क्या कहना चहाता हू l

रविन्द्र सिंह- --- गुरू जी महासिंह राव जी ने बडी लम्बी सेवा दी है यहॉ पर अब भी दे रहे है। दो शब्द उनके लिये ?
नवीन मोर ---- मेरे उपर गुरू जी महासिंह राव जी का सदा आशिर्वाद रहा है। यै सोभाग्य है हम लोगो का , और मै बताऊ आपको गुरू जी कुस्ती की टेक्नीक के मामले मे तोप है।

रविन्द्र सिंह- --- कुस्ती के खेल के लिय आप किस चीज को जरूरी मानते है?
नवीन मोर ---- लग्न , समर्पण , मेहनत ,उच्च दर्जे का कोच और पैसा

रविन्द्र सिंह---- आप के अखाडे से बडे बडे योद्धा निकल कर गये । अखाडा कितना बदला आप की नजर मे ?
नवीन मोर ---- बडे बडे पहलवान इस अखाडे से निकल कर गये । अखाडे मे कोई बदलाव ना आया केवल जहा पर टीन थी वहॉ पर छत हो गई अखाडा आज भी कई सुविधाओ की बाट जोह रहा है।

रविन्द्र सिंह----कुस्ती के हित मे भविष्य मे कुछ नया करने का सपना या कोई नया प्लान हो तो पाठको को बताये नवीन भाई
नवीन मोर -----हम सब नये पुराने खिलाडियो ने इक्ट्ठा होकर एक ट्रस्ट बनाया है " गुरू हनुमान भारतीय खेल संस्था " के नाम से इसके अध्यक्ष श्री राजसिंह द्रोणाचार्य अवार्डी जी है।, चैयरमैन श्री सतपाल महाबली पहलवान जी है।, महासचिव दिलबाग सिंह (बlग्गे) जी है। , कोषाअध्यक्ष श्री रमेश मोर है। , उपाध्यक्ष नवीन मोर (भारत केशरी व भीम अवार्डी), मंजीत छिल्लर (अर्जुन अवार्डी) , चॉदराम पहलवान (डी सी ,सी आर पी एफ) है। , करतार सिंह पहलवान (रिट0 आई जी पंजाब पुलिस )मुख्य संरक्षक है। , रणवीर सिंह (अर्न्तराष्टीय पहलवान) सहसचिव है , विजेन्द्र सिंह ओम पहलवान (अध्यक्ष हरियाणा नैटबाल संघ ) सह कोषध्यक्ष है। , अतुल रणजीत कुमार (सामाजिक कार्यकर्ता) कार्यकारी सचिव है।
गुरू जी द्रोणाचार्य महासिंहराव जी , संदीप राठी (डी एसपी सीआरपीएफ) , चरणदास (अर्न्तराष्टीय पहलवान ) , प्रवीण बिन्ना (अर्न्तराष्टीय पहलवान ) इस संस्था के प्रशिक्षण दल मे शामिल है। ,,संस्था के साथ बहुत सारे सदस्य भी जुडे हुये है। अभी इस संस्था की फाईल पर काम चल रहा है। लंकिन हम सबने मिलकर जमीन पर काम करना सुरू कर दिया है। इसी संस्था के माध्यम से हम लोगो ने गुरू हनुमान अखाडा के मैट हॉल मे 5 एस सी (एयर कंडीशनर) लगवाये है। और तीन लाख रूपये की कीमत का मलटी जिम अखाडे मे स्थापित किया है। इस संस्था के माध्यम से सारा काम श्री राजसिंह जी (द्रोणाचार्य अवार्डी ) की अध्यक्षता मे हो रहा है। .............................हम लोगो ने इसी संस्था के माध्यम से 15 मार्च 2018 को रोशन आरा बाग मे भण्डारा व दंगल कराया था । उसके बाद 24 मई को गुरू हनुमान जी की पुन्य तिथि पर विशाल भण्डारा किया था और पहलवान सुशील कुमार का सम्मान किया था कोमनवेल्थ मे लगातार तीनवी बार गोल्ड जीतने के उपलक्ष मे l
खेल से जुडे इन सभी लोगो ने ये कदम इसलिये उठाये है कि हमारे खिलाडियो को भी अच्छी सुविधा मिले और खिलाडी आगे बढे अखाडे को अभी भी कई सुविधाओ की दरकार है। रविन्द्र भlई आप बदलाव बूझ रहे थे कि क्या बदलाव आया है अखाडे मे ये बदलाव तो आया है। मै नवीन मोर कहना चहाता हू आप से कि खेल के लिये हर तरह से, तन से , मन से , धन से मै योगदान देने के लिये तैयार खडा हू और जीवन भर जो भी मुझ से होगा मै वो सहयोग करूगॉ l

रविन्द्र सिंह---- पहलवानी करने वाले पहलवानो के लिये दो शब्द आपके मूह से ?
नवीन मोर - बडा पहलवान बनने के लिये दंगलो का मोह छोडकर लगातार अखाडे मे रहकर पहलवानी करे , मेहनत करे , सफलता मिलेगी , बडी सफलता मिलेगी क्योकि दंगलो के चक्कर मे पडकर पहलवान वो मेहनत नही कर पाता जिसकी उसे दरकार है। बडी सफलता के लिये लगातार बडी मेहनत की जरूरत होती है।

रविन्द्र सिंह- लडकीया पहलवानी मे बहुत अच्छा योगदान दे रही है। आप क्या कहोगे ?
नवीन मोर - बिलकुल इस विषय मे सोचकर लगता है की हम वास्तव मे किसी क्षेत्र मे बहुत आगे बढे है। अब समाज की सोच बदल चुकी है जो समाज के लिये और महिला कुस्ती के लिये भी बहुत सकारात्मकता की बात है।

रविन्द्र सिंह- युवा पहलवानो के लिये कोई संदेश ?
नवीन मोर - मेहनत का फल जरूर मिलता है। मेहनत करो फल जरूर मिलेगा ।

प्रिय पाठको ये थे पहलवान नवीन मोर जी बहुत बडा पहलवान है ये जितना बडा पहलवान है। उतना ही बडा और अच्छा इनसान भी है।
साक्षात्कार कर्ता
llरविन्द्र सिंह ऊण शामली ll
कुस्ती जगत ब्यूरो चीफ
(उत्तर प्रदेश)