Thursday, August 2, 2018

आज भी गुरू हनुमान ही मेरे हीरो - श्री महासिंहराव द्रोणाचार्य

रविन्द्र सिंह ---- सुरूवात मे पहलवानी भी की होगी सर आपने ?
महासिंह राव ---- काफी समय पहलवानी की है मैने यदि ना करता तो यहॉ तक कैसे आता l
रविन्द्र सिंह--- -गुरू हनुमान अखाडे मे कितने दिन हो गये सेवाये देते हुये आपको सर ?
महासिंह राव ---- 35 -36 साल हो गये गुरू जी के साथ बिताया हर लम्हा एसे लगता है जैसे कल की बात हो l
रविन्द्र सिंह ---- बडा लम्बा समय हो गया आपको कभी कोई बात दिल पर लगी ?
महासिंह राव ---- हॉ क्यो नही मै भी इन्शान हू जैसा दिल औरो के सीने मे धडकता है ऐसा ही मेरा दिल है।
रविन्द्र सिंह ---- आज के साक्षात द्रोणाचार्य को कैसी बाते विचलित करती है ?
महासिंह राव ----हमारा काम है अच्छे खिलाडियो को तैयार करना खिलाडी ही हमारी दौलत है। खिलाडी ही सम्पत्ति है। जब कोई आगे बढता हुआ खिलाडी बुरी संगति या लत मे पडकर अपना कैरियर खत्म कर लेता है तब मुझे बहुत पीडा होती है। वो पीडा बताई नही जा सकती महसूस की जा सकती  है।
रविन्द्र सिंह ---- आपके द्वारा तैयार कितने खिलाडी सरकारी नारैकरीयो पर चले गये सर ?
महासिंह राव ---- बहुत लडके गये है करंट तो नही बता सकता l
रविन्द्र सिंह ---- असली हीरो तो आप ही हो सर (मुझे बीच मे रोक देते है। महासिहं जी )
महासिंह राव ----- नही हीरो मै नही हीरो तो आज भी गुरू हनुमान जी ही है। मै बताता हू आपको मे शिवजी को और बजरंगबली को मानता हू उनके बाद मे सुबह शाम दोनो समय आज भी गुरू हनुमान के सामने हाथ जोडना नही भूलता हमे जो भी मिला वो गुरू हनुमान जी के ही आशिर्वाद का फल है।
रविन्द्र सिंह -----गुरू जी इस अखाडे की दो मुख्य समस्या कौन सी है ?
महासिंह राव ----- रेजिडेन्स की समस्या है और मेडिकल की समस्या है। पहलवानो के लिये जो कमरे है उनकी भी हालत अच्छी नही है। देखा है तुमने तो दुसरा इतना बडा अखाडा है देश को बहुत कुछ दिया है अखाडे ने मैडिकल की सुविधा होनी चहिये थी लेकिन नही है।
रविन्द्र सिंह ----- गुरू हनुमान अखाडे मे कितने लडको के रहने की व्यवस्था होनी चहिये सर कम से कम ?
महासिंह राव ----- कम से कम 100 पहलवाने के रूकने की व्यवस्था हो अखाडे के अन्दर तब 20 - 30 निकलेगे जब व्यवस्था ही 20-30 की होगी तो कहॉ से निकलेगे जितना ज्यादा कच्चा माल होगा उतना ही ज्यादा पक्का माल बनेगा जब कच्चा माल ही नही होगा तो पक्का माल कहॉ से बनायेगे l
रविन्द्र सिंह ----- तीस साल के पहले के महासिंहराव और आज के द्रोणाचार्य महासिंह राव मे कितना अन्तर महसूस करते है?
महासिंह राव ---- मै तो वही महासिंह राव हू आज भी अपना तो एक वसूल है वही वसूल पहले था जिसका भला हो जाये करेगे बुरा नही करना किसी का , उस समय कही बहार जाता था तो सब सामान्य था आज कही बहार जाता हू तो आज टी वी रिपोर्टर मिडिया पत्रकार घेर लेते है। हालाकी मै कैमरो से दूर गुरू हनुमान के रास्ते पर चलने मे विश्वास करता हू ।

साक्षातकार कर्ता 
रविन्द्र सिंह ,ऊण -शामली 
कुस्ती जगत ब्यूरो चीफ
(उत्तर प्रदेश )