Sunday, January 6, 2019

परिश्रम और संयम जीवन मे जरूरी - : शहनवाज मिर्जा

देश की धडकन , देश की शान , युवाओ के प्रेरणा श्रोत , आईरन मैन , मिस्टर दिल्ली , मिस्टर इण्डिया , मिस्टर एशिया , मिस्टर वर्ल्ड श्री शहनवाज मिर्जा से हुई खास मुलाकात के मुख्य अशं ---------------


रविन्द्र शामली - बोडीबिल्डिगं मे कैसे आये ?
शहनवाज मिर्जा - पता ही नही चला बचपन मे तो नही सोचा था की मै बॉडी बिल्डर बनूगॉ मैने क्रीकेट भी खेला, तैराकी भी की , दूसरे खेल भी खेलता रहा । फिट रहने के लिये जिम किया करता । कुछ लोगो का घर परिवार का साथ मिलता गया और मे एक बॉडी बिल्डर बन गया ।
रविन्द्र शामली - आपका जन्म कब और कहॉ पर हुआ ?
शहनवाज मिर्जा - मेरा जन्म दिल्ली मे ही हुआ 13-01-1984 मे दिल्ली मे ही पला बडा हुआ । आप कह सकते है कि मैने दिल्ली को करीब से देखा इन सालो मे ।
रविन्द्र शामली - आपके बचपन से लेकर अब तक दिल्ली कितना बदल गई मिर्जा सहाब ?
शहनवाज मिर्जा - बहुत कुछ बदल गया है। गगन गगनचुंबी इमारते , फ्लाईओवर , सडके बहुत कुछ बदल गया है। लोग भी धीरे धीरे बदल रहे है। पहले सब एक साथ बैठते थे l आज किसी के पास फोन के अलावा समय नही है। मै तो आपके माध्यम से कहना चाहूगॉ युवाओं को कि अपने मॉ बाप के पास दो घडी बैठा करो , समय निकाला करो । जो मॉ बाप के लिये भी समय नही निकाल पाता उसका तो उपर वाला भी भला नही कर सकता ।
रविन्द्र शामली - आज आप स्टारडम के शिखर पर है। किसका हाथ मानते है। अपनी सफलता मे ?
शहनवाज मिर्जा - हाथ तो उपर वाले का ही होता है हर किसी की सफलता मे बाकी अपनी महनत और परिश्रम होता है। गुरू , कोच अपने जो टरेनर उनका भी बहुत बडा योगदान होता है। मॉ बाप का भी योगदान , परिवार का योगदान भी दरकिनार नही किया जा सकता है। खुराक पर बहुत खर्च आता है। परिवार के सदस्य अपने खर्चो को कम करते है। तब जाकर कोई भी खिलाडी हो वो आगे बढता है।
रविन्द्र शामली - आपको पहली बडी सफलता कब मिली ?
शहनवाज मिर्जा - साल 2000 मे मै मिस्टर दिल्ली बना , उसके बाद मैने पीछे मुडकर नही देखा । 2007 मे और 2010 मे मैने वाई एम सी मे देश के लिये गोल्ड मेडल प्राप्त किया । , 2013 मे और 2014 मे मैने फिर मिस्टर दिल्ली का खिताब अपने नाम किया था , इसके बाद मैने 2014 मे एक बार फिर नोर्थ इण्डिया मे गोल्ड प्राप्त कर अपने आप को साबित किया । जस्ट अगले साल मैने 2015 मे मिस्टर इण्डिया का खिताब अपने नाम किया । इसके बाद साल 2018 मे मैने मिस्टर इण्डिया का खिताब अपने नाम किया । साल 2018 मेरे लिये बडा शानदार रहा इसी साल मे मैने दो और बडी चैम्पियनशिप मे भाग लिया जौलाई के महीने मे फिलीफिन्स के अन्दर मिस्टर वर्ल्ड के नाम से चैम्पियनशिप हुई जिसमे बियालिश (42) देशो के बॉडी बिल्डर आये थे l जहॉ मुझे ब्रोन्ज मेडल प्राप्त हुआ ।
इसी साल मैने मिस्टर यूनिवर्स मे हिस्सा लिया जहॉ पर बावन (52) देशो के बॉडी बिल्डर आये थे , वहा पर मैने सिलवर मेडल प्राप्त किया ।
रविन्द्र शामली -सबसे बडी खुशी का लम्हा आपको कब लगा ?
शहनवाज मिर्जा -जब जब मै विक्टिस स्टैंड पर मेडल के साथ खडा होता हू तिरंगा लहराने का अवशर उस समय हमे लिता है। वही ये लम्हा होता है। मुझे लगता हर खिलाडी के लिये यह लम्हा बेहद शानदार होता है l
रविन्द्र शामली - अपने परिवार के बारे मे भी थोडा सा बताईये मिर्जा सहाब ?
शहनवाज मिर्जा - मेरे पिता का नाम श्री मिर्जा इश्तकार अली और माता का नाम रशीदा मिर्जा है। हम चार भाई है। हमारी एक बहन है।
रविन्द्र शामली - कितने समय आप वर्क आउट करते है ?
शहनवाज मिर्जा - अब मै दो घंटे सुबह दो घंटे शाम वर्कआउट करता हू । पहले ज्यादा भी किया है।
रविन्द्र शामली - कैसी डाईट पसंद है आपको ?
शहनवाज मिर्जा - जिसमे प्रोटीन ज्यादा हो बस
रविन्द्र शामली - आप किस कम्पनी की ब्राण्डिगं करते है?
शहनवाज मिर्जा - पी0एस0एन0 का मै ब्राण्ड एबेसेडर हू । यह कम्पनी खिलाडियो के लिये फूड सपलिमेन्ट बनाती है।
रविन्द्र शामली - स्टारडम क्या है ?
शहनवाज मिर्जा - जब कोई भी व्यक्ति लोगो के दिलो पर राज करे वही स्टारडम है। सुरूवात मे हर कोई चहाता है कि मुझे लोग जाने जितना मुशकिल स्टारडम प्राप्त करना है। उससे कई गुना मुशकिल स्टारडम को सम्भालकर रखना होता है।
रविन्द्र शामली -युवाओ को क्या संदेश देना चाहोगे ?
शहनवाज मिर्जा - सफलता का कोई सोर्टकट नही है। सफलता को प्राप्त करने के लिये लगातार परिश्रम की जरूरत होती है। लगातार परिश्रम करो किसी भी क्षेत्र मे करो , सफलता मिलती है। शोर्टकट मारने वाले अक्षर मार खा जाते है। परिश्रम का फल ज्यादा सकून देने वाला होता है।

साक्षातकार कर्ता 
रविन्द्र शामली
कुस्ती जगत