कस्बा ऊन को तहसील बने हुये काफी दिन बीत गये थे । अनेंको अधिकारी आये और चले गये । किसी को कोई याद नही रहा । समय अपने रास्ते पर चलते हुये भला कहॉ किसी के लिये रूकता है। एक दिन वो समय आया जिसका सायद तहसील ऊन इन्तजार कर रही थी । उस दिन तहसील ऊन की किसमत चमक उठी क्योकि इस तहसील को एक कर्मठ , इमानदार , निडर अधिकारी उपजिलाधिकारी के रूप मे चौधरी सुरेन्द्र सिंह मिले अपने शानदार कर्तव्य का निर्वाहन करते हुये चौधरी सुरेन्द्र सिंह ने अनेको रूके पडे कार्यों को पूरा किया । ऊन क्षेत्र मे चौधरी सुरेन्द्र सिंह ने बेमिशाल कार्य किये तथा विकास को नई दिशा दी , उपजिलाधिकारी के कार्यो की बदौलत आज क्षेत्र का एक - एक बच्चा सहाब को जानता है। वे क्षेत्र धन्य है। जिन्हे एसे देवता रूपी कर्मशील अधिकारी मिलते है। एसे कर्मठ अधिकारी को क्षेत्र मे यदि लम्बा समय कार्य करने को मिल जाये तो क्षेत्र स्वर्ग बन जाये । चौधरी सुरेन्द्र सिंह जैसे दिगगज अधिकारियों की वजह से ही समाज मे लोगो का कानून पर भरोसा टिका हुआ है। चौधरी सुरेन्द्र सिंह सही को सही , गलत को गलत , बताने का दम रखते है। क्षेत्र मे निष्पक्ष रूप से कार्य करने के लिये लोग चौधरी सुरेन्द्र सिंह को सच मुच का इनसान भी कहते है। अतः कहा जा सकता है कि चौधरी सुरेन्द्र सिंह जी ऊन क्षेत्र के लिये किसी संजीवनी से कम नही है। चौधरी सुरेन्द्र सिंह कहते है कि कर्म ही मेरी पूजा है। इस कुर्सी पर बैठने से पहले जो संवैधानिक कसम खाई थी उसे निस्वार्थ भाव से निभाया है। और आगे भी निभायेगे ।
रविन्द्र शामली
कुस्ती जगत